भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में बताया है कि भारत को कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति दिखाने पर, वह कनाडा के लोगों के लिए जल्द ही वीजा सर्विस शुरू कर सकता है। यह एक महत्वपूर्ण घटना है जो भारतीय नागरिकों के लिए कनाडा में यात्रा करने के अधिक सुविधाजनक बना सकता है। हालांकि, कुछ हफ्तों से, भारत के जरिए कनाड़ा में वीजा सेवा को अस्थायी रूप से रोका गया है, जिसके पीछे कई कारण हैं।
इस निर्णय का मुख्य कारण है कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर संदेह है। कनाडा में, भारतीय नागरिकों को सुरक्षित महसूस करने में समस्या होती है, जो पैरिस समझौते (Vienna Convention) के उल्लंघन को संकेत करती है। यह समझौता भारतीय विदेशवाणियों के लिए अपनी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लेता है, लेकिन हाल ही में हुए कुछ घटनाओं के चलते, कनाडा ने इसे ध्यान में रखने और सुनिश्चित करने के लिए भारत से और अधिक सुरक्षिता की मांग की है।
वीजा सेवा के अस्थायी बंद होने का असर
भारत के जरिए कनाड़ा में वीजा सेवा के अस्थायी बंद होने का असर भारतीय यात्रीगण पर पड़ा है। कई लोगों की योजनाएं और यात्राएं आधी तरह से रोक दी गई हैं, और यह कनाडा में अपने परिवार और काम के लिए जाने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से कठिनाइयों का कारण बन रहा है। इसके परिणामस्वरूप, कई भारतीय नागरिक अपने योजनों को अस्थायी रूप से बदलने को मजबूर हो रहे हैं और कनाडा जाने के लिए अधिक सुरक्षित तरीके ढ़ूंढ रहे हैं।
भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बढ़ गए हैं, जिसकी मुख्य वजह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला है. कनाडा ने भारत पर इसका आरोप लगाया है और भारत ने पहले तो इसका इनकार किया है. इसके परिणामस्वरूप, भारत ने कनाडा के शीर्ष दूत को ओटावा छोड़ने का आदेश दिया है और कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सेवाएँ भी बंद कर दी हैं.
क्या बताया एस जयशंकर ने
जयशंकर ने कहा कि अगर हमें कनाडा में अपनी राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति होती हुई दिखेगी, तो हम वीजा सर्विस शुरू करने का विचार करेंगे. मैं उम्मीद कर रहा हूं कि ऐसा बहुत जल्द होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ हफ्ते पहले कनाडा में भारत ने वीजा जारी करने के प्रोसेस को बंद कर दिया था. इसकी वजह ये थी कि हमारे राजनयिकों के लिए काम पर जाकर ऐसा करना सुरक्षित नहीं था. उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमें अस्थायी तौर पर वीजा सर्विस बंद करनी पड़ी. विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई की सुरक्षा की स्थिति बेहतर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बेहतर होने पर राजनयिकों के लिए आत्मविश्वास से काम करना मुमकिन हो पाएगा. राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना वियना संधि का सबसे बुनियादी पहलू है. जयशंकर ने कहा कि अभी कनाडा में इस तरह की ढेरों चुनौतियां हैं, जिनकी वजह से हमारे लोग सुरक्षित नहीं हैं. हमारी राजनयिकों की सुरक्षा भी खतरे में रहती है. राजनयिकों की सुरक्षा में प्रगति होते ही वीजा सर्विस शुरू होगी. भारत से हाल ही में 41 कनाडाई राजनयिक गए हैं. उन्हें नई दिल्ली छोड़कर जाने का आदेश मिला था. इसे लेकर बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि वियना संधि के जरिए राजनयिकों की संख्या में समानता प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय नियम है. उन्होंने बताया कि ये पूरा मामला सामनता है कि किसी देश में कितने राजनयिक होने चाहिए. ये एक ऐसी व्यस्था है, जो दोनों देशों पर लागू होती है. हमने कनाडा को संख्या बराबर रखने को कहा, क्योंकि उसके अधिकारी हस्तक्षेप कर रहे थे.