राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से भाजपा के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की। पार्टी ने नरपत सिंह राजवी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया। आक्या ने अपने समर्थकों के साथ बैठक में यह निर्णय साझा किया। उन्होंने बताया कि वह चित्तौड़गढ़ से ही चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद, उन्हें अज्ञात व्यक्ति से जान से मारने की धमकीऔरटिकट ना मिलने पर मिली धमकी , जिस पर पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। आक्या के समर्थक पार्टी की नई सूची का विरोध कर रहे हैं।
नरपत सिंह राजवी का चयन
Rajasthan Assembly Electionभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चित्तौड़गढ़ सीट के लिए नरपत सिंह राजवी को अपना प्रत्याशी चुना है। यह निर्णय पार्टी की स्ट्रेटेजी और उनके पिछले प्रदर्शन को देखते हुए लिया गया हो सकता है।
चंद्रभान सिंह आक्या की घोषणा:Rajasthan Assembly Election
आक्या ने मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ एक बैठक में घोषणा की कि वह चित्तौड़गढ़ सीट से चुनाव लड़ेंगे। यह घोषणा उस समय की गई जब पार्टी ने उन्हें इस सीट से टिकट नहीं दिया। आक्या का यह निर्णय उनके समर्थकों के बीच में भी चर्चा का विषय बन गया है।
धमकी का मामला:Rajasthan Assembly Election
Rajasthan Assembly Electionआक्या को अज्ञात व्यक्ति से फोन पर जान से मारने की धमकी मिली। इस पर उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है और उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का पता चलेगा। धमकी के पीछे कौन लोग हैं और उनका उद्देश्य क्या है, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
चित्तौड़गढ़, (टिकट ना मिलने पर मिली धमकी)राजस्थान के विधानसभा चुनाव के मैदान में ताज़ा घटनाक्रम और उससे जुड़े विवाद ने राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में नई चर्चा का केंद्र बना दिया है।
चित्तौड़गढ़, राजस्थान के विधानसभा चुनाव में आक्या की घोषणा और उससे जुड़े विवाद ने राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक नई चर्चा का केंद्र बना दिया है। चित्तौड़गढ़ से भाजपा के मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने हाल ही में घोषणा की है कि वह 2 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे।
चुनावों का आयोजन राजस्थान में 25 नवंबर को हो रहा है और इसमें चित्तौड़गढ़ से आक्या के नामांकन और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे के चलते चर्चा बढ़ गई है। इस घोषणा के पीछे के कई पहलू हैं, जिनमें धमकी का मामला और समर्थकों का विरोध शामिल है।
धमकी का मामला:
आक्या की इस घोषणा से पहले ही उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति से फोन पर जान से मारने की धमकी और टिकट ना मिलने पर मिली धमकी मिली। इस घातक धमकी के बावजूद वे अपने निर्णय पर कायम हैं और विधानसभा चुनाव में नामांकन करने का ऐलान किया है। इस मामले में उन्होंने चित्तौड़गढ़ सदर के थानाधिकारी भवानी सिंह को शिकायत दर्ज करवाई है और पुलिस अब इस मामले की गहरी जांच कर रही है।
समर्थकों का विरोध:
आक्या के समर्थक भाजपा की दूसरी सूची जारी होने के बाद से विरोध कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि आक्या को उनके योगदान के बावजूद पार्टी ने उचित सम्मान नहीं दिया। इस विवाद के चलते पार्टी के अंदर भी आक्या के समर्थकों और उनके विरोधी के बीच तनाव बढ़ गया है।
पार्टी का निर्णय:
भाजपा ने आक्या को चित्तौड़गढ़ से टिकट नहीं दिया है और इसके बजाय पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को उतारा है, जो जयपुर की विद्याधर नगर सीट से मौजूदा विधायक हैं। यह निर्णय पार्टी के आंतरिक विवाद को और भी तेज़ कर दिया है और चुनाव के मैदान में नए तनाव को उत्पन्न किया है।
आक्या का पिछला रिकॉर्ड:
आक्या ने 2013 और 2018 में चित्तौड़गढ़ से चुनाव लड़ा और दोनों बार विजयी रहे। उनका यह प्रदर्शन उन्हें लोकप्रिय विधायक बनाता है और इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है। यह उनके समर्थकों के बीच असंतोष को बढ़ा दिया है।
आरोप पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष:
आक्या ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ से सांसद सी.पी. जोशी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट से वंचित किया। यह आरोप भी विवाद को और तेज़ किया है और पार्टी के निर्णय पर सवाल उठाता है।
इस प्रकार, चित्तौड़गढ़ के विधानसभा चुनाव में आक्या की घोषणा, उन्हें मिली धमकी, और पार्टी के निर्णय ने राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर दिया है। चुनाव के मैदान में नई चुनौतियों के साथ, आक्या के नामांकन के साथ एक रोमांचक सियासी दांव का आगाज हो चुका है।