सीपीआई की रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आईएनडीआईए गठबंधन पर दिए बयान के बाद सियासत में तेजी आ गई है। नीतीश कुमार ने इस रैली में जबरदस्त भाषण दिया और कांग्रेस पार्टी पर तीखा निशाना साधा। इसके परिणामस्वरूप, सीपीआई और आईएनडीआईए के बीच गठबंधन में चुनौतियों की बढ़ गई हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि आईएनडीआईए गठबंधन के तहत काम नहीं हो रहा है और उन्होंने कांग्रेस पार्टी को कड़ी आलोचना की। उन्होंने गठबंधन के दौरान हो रहे विवादों को भी उजागर किया और इसके बाद चुनाव से पहले गठबंधन को एक सजीव मुद्दा बना दिया।
कांग्रेस पार्टी इस बयान से कठिनाइयों का सामना कर रही है, क्योंकि वह पांच राज्यों के चुनावों में अपने प्रत्याशियों को उतार रही है। नीतीश कुमार के इस बयान ने कांग्रेस पार्टी को नकारात्मक प्रकार में प्रभावित किया है और उनके गठबंधन के खिलाफ तेजी से भाषण कर रहे विपक्षी दलों को मजबूती मिली है।
Nitish Kumar:नीतीश कुमार की बढ़ी बेचैनी, I.N.D.I.A गठबंधन पर कांग्रेस का आश्वासन,
इस तरह के राजनीतिक घमासान से बिहार की सीघ्र आगामी चुनावों की दिशा में बदलाव आ सकता है, और यह सीआईपीए के द्वारा नीतीश कुमार के गठबंधन के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित हो सकता है। क्योंकि गठबंधन के सदस्यों के बीच में दिलचस्प खगोल बढ़ गए हैं, इसलिए चुनाव यातायात में बदलाव आ सकता है और सियासी दस्तक़त के पूरे मैदान में नई रणनीतियों का संकेत हो सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को भाकपा की रैली में आईएनडीआईए गठबंधन के बारे में चिंता जताई, और इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उनके बयान का प्रतिक्रिया दिया है। इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार के द्वारा की गई टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आईएनडीआईए गठबंधन के बारे में चिंता जताई जब वह भाकपा की रैली में बोले। इसके बाद, कांग्रेस पार्टी ने नीतीश कुमार पर भरोसा दिखाते हुए कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनावों को महत्वपूर्ण मानते हैं और इसे गंभीरता से ले रहे हैं। कांग्रेस ने इस गठबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा और इसे 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ जोड़ा। इसलिए, इस चुनौती को दोनों पार्टियों ने अलग-अलग दृष्टिकोण से देखने का निर्णय लिया है।
इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार के बयान पर टिप्पणी की और इसे ‘टुकड़े-टुकड़े एलायंस’ के रूप में वर्णित किया। इससे सीआईपीआई के गठबंधन के भीतर तनाव बढ़ सकता है और बिहार की सीघ्र आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक स्थिति में बदलाव आ सकता है।
बीजेपी ने नीतीश की नाराजगी पर I.N.D.I.A गठबंधन को लिया निशाना
“नीतीश कुमार के पहले, अखिलेश यादव की नाराजगी ने I.N.D.I.A गठबंधन पर सवाल उठाया, भाजपा ने किया निशाना”
अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी के नेता, आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए उनकी पार्टी के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत में शामिल नहीं होने के लिए कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं। इसके साथ ही, भारतीय जनता पार्टी ने I.N.D.I.A गठबंधन को ‘टुकड़े-टुकड़े’ (विभाजनकारी) गठबंधन कहकर आलोचना की और इसमें दूरदर्शिता और स्पष्ट मिशन की कमी बताई।
अखिलेश के बाद नीतीश की नाराजगी से उठ रहे I.N.D.I.A गठबंधन पर सवाल
नीतीश कुमार से पहले समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की नाराजगी ने इस विपक्षी गठबंधन पर सवाल उठा दिया है। अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मध्य प्रदेश में उनकी पार्टी के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत में शामिल नहीं होने के लिए कांग्रेस की आलोचना कर रहे हैं।
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने आईएनडीआईए गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए इसे ‘टुकड़े-टुकड़े’ (विभाजनकारी) गठबंधन करार दिया और कहा कि इसमें दूरदर्शिता और स्पष्ट मिशन का अभाव है।
नीतीश कुमार ने साधा था कांग्रेस पर निशाना
“बिहार के महागठबंधन में लगभग 450 दिनों के बाद, गुरुवार को भाकपा की ‘भाजपा हटाओ-देश बचाओ’ रैली में नीतीश कुमार का सब्र टूट गया। रैली के मौके पर उन्होंने कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाया कि वे जब महागठबंधन की मुहिम के तहत एक साथ आए थे, तो उनकी कोई चिंता नहीं है। सीट-बंटवारे पर चर्चा नहीं हुई और वे कांग्रेस के रवैये से असंतुष्ट थे, जिसके कारण उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद ही कांग्रेस खुद ही सभी को बुलाएगी। उन्होंने इतिहास बदलने के इरादे के साथ देश को बचाने के लिए सभी को एकजुट होने की अपील की थी।”