“Jio Space Fiber: दूरदराज क्षेत्रों के लिए ब्रॉडबैंड क्रांति की शुरुआत”
Introduction: रिलायंस जियो ने अब देशभर के दूरदराज क्षेत्रों को इंटरनेट के साथ जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, और इसके लिए ‘जियो स्पेस फाइबर’ सेवा का आगाज़ किया है। यह सेवा सैटेलाइट आधारित गीगा फाइबर तकनीक का इस्तेमाल करेगी और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने में मदद करेगी। ‘जियो स्पेस फाइबर’ सेवा अब देशभर में उपलब्ध होगी और यह किफायती मूल्य पर होगी। इस सेवा का पहला चरण गुजरात, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, और असम में लॉन्च किया गया है।
‘जियो स्पेस फाइबर’ के लॉन्च से जुड़े अहम अंशों को समझने के लिए हमें इस नयी तकनीक की दिशा में गहराई से जानने की आवश्यकता है। इस लेख में, हम देखेंगे कि ‘जियो स्पेस फाइबर’ क्या है, इसके लाभ क्या हैं, और कैसे यह दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी।
‘जियो स्पेस फाइबर’ क्या है? ‘जियो स्पेस फाइबर’ एक आधारित तकनीक है जिसमें सैटेलाइट सिग्नल का उपयोग करके दूरदराज इलाकों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य है कि गांवों और छोटे शहरों में भी लोग उच्च गति और स्थिरता वाले इंटरनेट कनेक्शन का आनंद ले सकें। इसके जरिए, दूरदराज क्षेत्रों के लोग भी आधुनिक डिजिटल जीवन का हिस्सा बन सकते हैं।
‘जियो स्पेस फाइबर’ के फायदे:
- दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंचाने का और आसान तरीका: ‘जियो स्पेस फाइबर’ के द्वारा सैटेलाइट सिग्नल का उपयोग करके, यह सेवा वे इलाके भी कवर करेगी जो पूर्व में इंटरनेट के लिए अग्रसर नहीं थे।
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Jio Space Fiber
रिलायंस जियो: दूरदराज इलाकों के लिए ‘जियो स्पेस फाइबर’ सेवा का आगाज़”
Introduction: रिलायंस जियो ने भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, और इस बार वह दूरदराज क्षेत्रों के लिए ‘जियो स्पेस फाइबर’ सेवा लेकर आए हैं। इस सेवा के तहत सैटेलाइट बेस्ड गीगा फाइबर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जो वहां की जगहों को इंटरनेट से जोड़ने में मदद करेगा जहां फाइबर केबल का इस्तेमाल करके ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना मुश्किल है। ‘जियो स्पेस फाइबर’ सेवा पूरे देश में किफायती कीमत पर उपलब्ध की जाएगी, जिससे दूरदराज क्षेत्रों में डिजिटल युग का आगाज़ होगा। इस नई तकनीक को दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रही इंडिया मोबाइल कांग्रेस में पेश किया गया है, और हम इस नए डिजिटल क्रांति की डिटेल्स में जाएंगे।
‘जियो स्पेस फाइबर’ क्या है? ‘जियो स्पेस फाइबर’ एक आधारित तकनीक है जिसमें सैटेलाइट बेस्ड गीगा फाइबर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य वहां के दूरदराज इलाकों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाना है जहां फाइबर केबल से कनेक्ट करना मुश्किल है।
यह टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? ‘जियो स्पेस फाइबर’ सेवा में सैटेलाइट सिग्नल का उपयोग किया जाएगा। यह सैटेलाइट सिग्नल द्वारा इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने की क्षमता रखता है, जिससे दूरदराज और गुमानी इलाकों में भी तेजी से और स्थिरता से इंटरनेट का आनंद लिया जा सकता है। इस तकनीक के द्वारा, दूरदराज क्षेत्रों के लोग भी आधुनिक डिजिटल जीवन का हिस्सा बन सकते हैं।
भारत में गुजरात के गिर नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ के कोरबा, उड़ीसा के नबरंगपुर और असम के ओएनजीसी-जोरहाट में जियो स्पेस फाइबर उपलब्ध करा दिया गया है। जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर के बाद रिलायंस जियो के कनेक्टिविटी पोर्टफोलियो की यह तीसरी बड़ी टेक्नोलॉजी है। जियो स्पेस फाइबर से दूरदराज इलाकों में ब्राडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए एसईएस कंपनी के सैटेलाइट का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका सीधा मतलब यह है कि यह सर्विस अब कहीं भी और कभी भी मल्टी-गीगाबिट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी।
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के अध्यक्ष आकाश अंबानी ने कहा, “जियो ने भारत में लाखों घरों और बिजनेस को पहली बार ब्रॉडबैंड इंटरनेट का एक्सपीरियंस कराया था। जियोस्पेसफाइबर के साथ हम अभी तक अनकनेक्टेड लाखों लोगों को कवर करेंगे। ऑनलाइन सरकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन सर्विसेज तक जियोस्पेसफाइबर हर किसी को, हर जगह कनेक्ट कर सकेगा।“
टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट मानते हैं कि जियो स्पेस फाइबर ग्रामीण इलाकों में काफी कुछ करने की क्षमता रखता है। यह बेहद किफायती और विश्वसनीय है। दूरदराज के सरकारी स्कूल सैटेलाइट कनेक्टिविटी के जरिए इंटरनेट की दुनिया से जुड़ सकेंगे। शिक्षा की क्वालिटी में अहम सुधार देखे जाएंगे।