Israel–Hamas conflict
इसराइली सेना ने ग़ज़ा पर हुए हमले की पुष्टि की है। वे बता रहे हैं कि उन्होंने हमास और अन्य आतंकवादी संगठनों के संरचनाओं को निशाना बनाया। इस हमले में विभिन्न सैन्य संरचनाएँ, जैसे कि टनल, सैन्य मुख्यालय और हथियारों की भंडारण स्थल, नष्ट कर दिए गए हैं। ख़ान यूनिस, जो ग़ज़ा का दक्षिणी भाग है, वहां की तबाही की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जो इस हमले की गंभीरता को दर्शाती हैं।
इसराइल ने यूएन प्रतिनिधियों के वीज़ा पर प्रतिबंध लगाया, और कहा कि ‘इससे उन्हें एक सबक मिलेगा।’
इसराइल का प्रतिक्रियात्मक निर्णय
इसराइल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें वह संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस की टिप्पणी का प्रतिक्रियात्मक निर्णय लिया है। गुटेरस ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में हुई एक चर्चा के दौरान इसराइल-हमास संघर्ष पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि हमास द्वारा इसराइल पर किए गए हमले में कोई बेवजहता नहीं था। उनका कहना था कि फ़लस्तीनी लोग पिछले 56 सालों से इसराइल के अधिकार में रह रहे हैं और उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
इसराइल की ओर से उत्तर
गुटेरस की टिप्पणी के बाद, इसराइल ने एक बड़ा कदम उठाया है और संयुक्त राष्ट्र महासचिव की टिप्पणी का प्रतिक्रियात्मक निर्णय लिया है। इसराइल ने घोषणा की है कि वह संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के वीज़ा रोकने का कदम उठाएगा, जिससे संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी इसराइल नहीं जा सकेंगे। यह निर्णय गुटेरस की टिप्पणी के खिलाफ इसराइल की प्रतिक्रिया का हिस्सा है और यह दिखाता है कि इसराइल अपने स्वराज्य में खड़ा होने के लिए तैयार है।
इसराइल का यह निर्णय गुटेरस की टिप्पणी के साथ संयुक्त राष्ट्र के साथ उसके संबंधों में एक नई मोड़ की ओर इशारा करता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इसराइल का संयुक्त राष्ट्र के साथ बहुत ही तंग संबंध है और उन्हें इससे कोई भी आवश्यक लाभ नहीं हो रहा है। इसराइल का निर्णय भी इसे साबित करता है कि वे अपने सुवर्ण संबंधों को बचाने के लिए कठिन निर्णयों के लिए तैयार हैं।
गुटेरस की टिप्पणी का महत्व
गुटेरस की टिप्पणी ने इसराइल-हमास संघर्ष के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। उनके कहने का मतलब है कि हमास द्वारा इसराइल पर किए गए हमले में कोई बेवजहता नहीं था, और यह बात संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की ओर से आई चुनौती के रूप में है।
इस टिप्पणी के साथ ही गुटेरस ने फ़लस्तीनी लोगों के साथ की जाने वाली दरिद्रता और परेशानियों के बारे में भी बात की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका उद्देश्य अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा और सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाना है। इससे यह भी प्रकट होता है कि गुटेरस का मानना है कि इसराइल और पैलेस्टाइन के बीच एक बड़े समझौते की आवश्यकता है ताकि दोनों पक्ष शांति और सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ सकें।
इसराइल की प्रतिक्रिया
इसराइल की प्रतिक्रिया में वह स्पष्ट रूप से अपनी नजरबंदी की पॉलिसी को बढ़ावा देता है, और यह संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। इसराइल के निर्णय के साथ ही, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी इसराइल नहीं जा सकेंगे, जिससे उनकी कार्रवाई पर प्रतिक्रिया की जाएगी।
यह निर्णय इसराइल की प्रतिक्रिया का हिस्सा है और यह दिखाता है कि वे अपने स्वराज्य को पहले रखने के लिए तैयार हैं, चाहे उनकी इस कदम से संयुक्त राष्ट्र के साथ के संबंधों में कोई भी असुविधा हो।
संयुक्त राष्ट्र के साथ संबंध
इसराइल के निर्णय से संयुक्त राष्ट्र के साथ के संबंधों में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इसराइल के संयुक्त राष्ट्र के साथ बढ़ते तनाव और उनके संबंधों में संकट की स्थिति है।
इस टिप्पणी के जवाब में, इसराइल ने तय किया है कि वह संयुक्त राष्ट्र के कुछ अधिकारियों के वीज़ा को रोक देगा। इसराइल के दूत गिलाड एरडान ने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के सचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स का वीज़ा पहले ही रोक दिया गया है।
एरडान ने और भी जोर दिया कि अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों को उनकी गलतियों का सबक सिखाया जाए। उन्होंने गुटेरस की प्रतिक्रिया को गलत मानते हुए कहा कि उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए, क्योंकि वे संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के पद के अनुसार उत्तरदायित्व नहीं ले पा रहे हैं।