राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के बारे में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस घोषणा के साथ ही, वह भाजपा की एक प्रमुख नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में एक अहम चरण को अंत करने का फैसला कर रही है.
वसुंधरा राजे ने अपने बेटे दुष्यंत सिंह के साथ एक सार्वजनिक बैठक में यह घोषणा की कि वह अब संन्यास ले सकती हैं. इसके पीछे का मुख्य कारण है कि उनके बेटे ने पहले से ही लोकसभा में झालावाड़-बारां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उन्हें राजनीतिक कार्य में प्रगति मिल रही है.
झालावाड़ में बोलते हुए वसुंधरा राजे ने कहा, “अपने बेटे की बात सुनने के बाद, मुझे लगता है कि मुझे संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि आप सभी ने उसे इतनी अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया है कि मुझे उस पर दबाव डालने की जरूरत नहीं है। “
इसके बाद वसुंधरा राजे ने कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाया कि वे महागठबंधन के तहत एकजुट होकर कांग्रेस को आगे बढ़ाने की मुहिम को आगे बढ़ाने का काम किया था, लेकिन उनको इसकी कोई चिंता नहीं है. वसुंधरा राजे ने सीट-बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने का भी जिक्र किया और इसे कांग्रेस के रवैये के साथ संबंधित बताया. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद कांग्रेस खुद ही सभी को बुलाएगी.
वसुंधरा राजे की मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान वे राजस्थान के विकास के कई महत्वपूर्ण कार्यों पर काम कर चुकी हैं. उन्होंने सड़कों, जल आपूर्ति परियोजनाओं, हवाई और रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला है. उनका योगदान राजस्थान के विकास में महत्वपूर्ण रहा है, और उनकी इस घोषणा के बाद उनके पॉलिटिकल भविष्य के साथ कई सवाल उठ रहे हैं।
मुझे लगता है अब मैं संन्यास ले सकती हूँ – क्यों बोली वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे, एक प्रमुख भाजपा नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री, हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के बारे में एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. इस घोषणा के साथ ही, वह भाजपा की एक प्रमुख नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में एक अहम चरण को अंत करने का फैसला कर रही है.
वसुंधरा राजे के बेटे, दुष्यंत सिंह, लोकसभा में झालावाड़-बारां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और पहले से ही राजनीतिक कार्य में प्रगति कर रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप, वसुंधरा राजे ने यह घोषणा की है कि वह अब संन्यास ले सकती हैं.
झालावाड़ नामक स्थान की जानकारी के अभाव में, वसुंधरा राजे ने कहा, “आज लोग पूछते हैं कि झालावाड़ कहां है? लोग यहां निवेश करना चाहते हैं.” इससे स्पष्ट होता है कि उनके बेटे के प्रतिनिधित्व के कारण झालावाड़ क्षेत्र में रुझान हो रहा है और लोग यहां निवेश के अवसरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
इसके अलावा, वसुंधरा राजे ने सरकारी भर्ती प्रश्नपत्र लीक की घटनाओं और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर राज्य में कांग्रेस सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान तभी फिर से नंबर एक राज्य बनेगा जब लोग भाजपा को आगे ले जाने के लिए काम करेंगे.
वसुंधरा राजे 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को झालावाड़ विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए तैयार हैं. उनके पॉलिटिकल करियर के इस अहम चरण के बाद, वे अपने राजनीतिक भविष्य के साथ कई सवालों का सामना कर रही हैं.