🌈 holi का ऐतिहासिक रंग: मुगलों और ब्रिटिश काल में होली का जश्न!
होली सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की पहचान है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Mughal Era और British Rule के समय भी होली को बड़े धूमधाम से मनाया जाता था? हां, सही सुना आपने! मुगलों और ब्रिटिश शासकों ने भी इस रंगों के त्यौहार (Holi) को अपनी तरह से सेलिब्रेट किया था। हालांकि, उस समय कुछ चीजें ऐसी थीं जिन पर बैन (Ban) लगाया गया था। इस आर्टिकल में जानिए Holi Celebration के उन दिलचस्प किस्सों के बारे में जो आपको चौंका देंगे!
🌸 Mughal Era में holi का जश्न
Mughal Era के दौरान होली सिर्फ एक हिंदू त्यौहार नहीं था, बल्कि इसे एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में देखा जाता था। मुगल शासक भी इस त्यौहार में शामिल होते थे और अपने दरबार में होली मनाते थे।
👉 अकबर के समय होली को “होलिका उत्सव” के रूप में मनाया जाता था।
👉 कहा जाता है कि जहांगीर के महल में होली के दिन रंगों की बौछार होती थी।
👉 शाहजहां के दौर में होली को “ईद-ए-गुलाबी” कहा जाता था, जिसमें रंग, गाने और नाच का आयोजन होता था।
👉 मुगलों के समय होली के दौरान पकवान बनाए जाते थे, जिनमें भांग से बने मिठाइयाँ भी शामिल होते थे।
Holi Celebration का यह दौर बताता है कि कैसे मुगल संस्कृति ने भारतीय परंपराओं को अपनाया और उसे एक नए रंग में ढाला।
🎭 British Rule के दौरान holi का स्वरूप
जब भारत पर ब्रिटिश हुकूमत थी, तब भी होली का जश्न जारी रहा, लेकिन कुछ सख्त नियम और बैन (Ban) भी लगाए गए थे।
👉 ब्रिटिश हुकूमत के शुरुआती दौर में होली को “अराजकता का दिन” कहा जाता था।
👉 1860 के बाद, ब्रिटिश सरकार ने होली पर सार्वजनिक रूप से रंग खेलने पर पाबंदी लगा दी थी।
👉 ब्रिटिश पुलिस लोगों को रंग खेलने से रोकती थी और जुलूस निकालने की इजाजत नहीं थी।
👉 हालांकि, इसके बावजूद भारतीय जनता ने Holi Celebration की परंपरा को जारी रखा और गुप्त रूप से इस त्यौहार को मनाया।
British Rule के दौरान होली ने एकता और विरोध का प्रतीक बनकर भारतीयों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई।
🚫 holi के दौरान कौन-सी चीजें थीं बैन?
होली के दौरान कुछ चीजों पर विशेष रूप से बैन (Ban) लगाया गया था:
❌ सार्वजनिक रूप से रंग खेलना – British Rule के समय इसे “अशांति” कहा जाता था।
❌ भांग और शराब – British काल में भांग और शराब पर बैन लगाया गया था।
❌ जुलूस और नृत्य – होली के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर नृत्य और जुलूस पर पाबंदी थी।
❌ धार्मिक गीत और नारे – धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के नाम पर धार्मिक गीतों पर भी रोक थी।
लेकिन भारतीय जनता ने इन पाबंदियों को नजरअंदाज करते हुए होली को अपनी परंपरा और पहचान के रूप में जीवित रखा।
🌟 मुगलों और ब्रिटिश शासकों के दौर की खास बातें
मुगल काल | ब्रिटिश काल |
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मुगल शासक भी होली के रंग में रंगे होते थे। | ब्रिटिश इसे “अराजकता का दिन” मानते थे। |
शाही दरबारों में होली के दिन रंगों की बौछार होती थी। | रंग खेलना और जुलूस निकालना बैन था। |
होली के पकवानों में भांग का इस्तेमाल होता था। | भांग और शराब पर पाबंदी थी। |
होली को “ईद-ए-गुलाबी” के रूप में मनाया जाता था। | धार्मिक नारे लगाने पर रोक थी। |
🎉 holi 2025 का संदेश
Holi 2025 हमें ये सिखाती है कि समय के साथ त्यौहार का स्वरूप जरूर बदलता है, लेकिन इसकी आत्मा कभी नहीं बदलती। मुगल शासकों से लेकर ब्रिटिश हुकूमत तक, holi ने हर दौर में अपनी पहचान बनाई और भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बनी रही। आज भी Holi Celebration दुनिया भर में भारतीय पहचान और भाईचारे का प्रतीक है।
🪔 holi से जुड़ी खास परंपराएं जो आज भी जारी हैं
✅ holi के दिन गुझिया, ठंडाई और भांग का सेवन।
✅ परिवार और दोस्तों के साथ रंग खेलना।
✅ होलिका दहन के समय विशेष मंत्रों का जाप।
✅ दुश्मनों को भी गले लगाकर माफ करने की परंपरा