गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि में, दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कई हिस्सों में बारिश हुई, जिससे पिछले कुछ दिनों से खराब वायु गुणवत्ता से काफी राहत मिली है। यह बारिश ने क्षेत्र की हवा को शुद्ध करने में मदद की है और लोगों को स्वस्थ वायुमंडल का आनंद उठाने में मदद की है।
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DELHI NEWS दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के आसपास के कई हिस्सों में गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि में हुई बारिश ने पिछले कुछ दिनों से बढ़ी हुई वायु गुणवत्ता में सुधार की संकेत दी है। इस बारिश ने लोगों को ठंडक और स्वच्छ हवा का आनंद लेने में मदद की है।
राष्ट्रीय राजधानी में यह बारिश शहर की प्रदूषण स्थिति को कम करने के लिए शहर सरकार के चल रहे ‘कृत्रिम बारिश’ प्रयासों के बीच हुई है। यह पहले से ही पर्यावरण में सुधार की दिशा में कदम उठाने का प्रयास है जिसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना है।
इस बारिश के साथ ही, लोगों की सांसें साफ हो रही हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का मौका मिल रहा है। इससे आम जनता को जीवन को अधिक सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने में मदद हो रही है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
DELHI NEWS: कर्तव्य पथ, आईटीओ, और दिल्ली-नोएडा सीमा क्षेत्र में हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश जारी है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। शुक्रवार को क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र (आरडब्ल्यूएफसी) ने राजीव चौक, आईटीओ, इंडिया गेट, अक्षरधाम, सफदरजंग, आरके पुरम, लाजपत नगर सहित दिल्ली-एनसीआर के आसपास के इलाकों में हल्की तीव्रता वाली रुक-रुक कर बारिश की भविष्यवाणी की है।
नोएडा, दादरी, ग्रेटर नोएडा, फ़रीदाबाद, जिंद, पानीपत, मट्टनहेल, झज्जर, फरुखनगर, कोसली, महेंद्रगढ़, नारनौल, होडल (हरियाणा), मेरठ, मोदीनगर, किठौर, बुलन्दशहर, जहांगीराबाद, अनूपशहर, बहजोई, पहासू, देबाई, नरौरा, गभाना, अतरौली, अलीगढ़ में भी बारिश होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी के AQI को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम वर्षा की संभावना पर चर्चा करने के लिए बुधवार को आईआईटी-कानपुर की एक टीम के साथ बैठक की।
पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि दिल्ली सरकार ने शहर में खतरनाक वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश की पूरी लागत वहन करने का फैसला किया है और मुख्य सचिव को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने सरकार के विचार पेश करने का निर्देश दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि अगर केंद्र फैसले का समर्थन करता है, तो दिल्ली सरकार 20 नवंबर तक शहर में पहली कृत्रिम बारिश की व्यवस्था कर सकती है।
आरडब्ल्यूएफसी ने बताया कि हल्की से मध्यम तीव्रता वाली बारिश के चलते प्रदूषण में कमी हो रही है और यह आगे भी बनी रहेगी। इससे शहरवासियों को साफ स्वस्थ हवा का आनंद लेने का मौका मिलेगा।
इसके साथ ही, प्रशासन ने केंद्र से कृत्रिम बारिश के लिए स्वीकृति प्राप्त करने का प्रयास किया है ताकि इसे शीघ्रता से शुरू किया जा सके और वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक हो सके। यहां तक कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक उपायों की शीघ्र अमल करने के लिए उपयुक्त प्रणालियों को स्थापित करने का भी निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश की विवादित तकनीक क्या है, इसकी जानकारी भी साझा की है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत, एक स्वतंत्र अनुसंधान समिति के गठन का भी निर्णय लिया गया है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि कृत्रिम बारिश का उपयोग पर्यावरण के लिए सुरक्षित और अनुकूलनीय है।
इसी संदर्भ में, आगामी दिनों में कृत्रिम बारिश का आयोजन किया जा सकता है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी होने की उम्मीद है और शहर के वासियों को शुद्धता और स्वस्थता के लाभ हों।
DELHI NEWS:क्लाउड सीडिंग
क्लाउड सीडिंग एक मौसम संशोधन तकनीक है जिसमें पदार्थों को हवा में फैलाकर कृत्रिम बारिश को प्रोत्साहित किया जाता है। इस प्रक्रिया में सबसे आम पदार्थों में सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड, और सूखी बर्फ (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) शामिल होते हैं। ये एजेंट नाभिक प्रदान करते हैं, जिसके चारों ओर जल वाष्प संघनित हो सकता है, जिससे अंत में बारिश या बर्फ का निर्माण होता है।
यह तकनीक प्राथमिकता से विशेष रूप से उन क्षेत्रों में काम करती है जहां पानी की कमी या सूखा की स्थिति होती है। इसका उपयोग विभिन्न देशों में किया गया है, यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया को बढ़ावा देने का एक प्रयास है जिससे मौसम विशेषज्ञता में सुधार हो सकता है।