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“एकदिवसीय क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023: भारत का मौजूदा चैम्पियन इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को मुकाबला”
लखनऊ में आयोजित होने वाले मुकाबले से पहले, भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी कठिनाईयों का मुकाबला करते हुए पांच लज़ीज जीत हासिल की है। विपक्षी इंग्लैंड टीम ने उनकी सतत हारों की चैनल परीक्षा में अच्छा नहीं किया है, जिससे उनकी स्थिति अब अत्यधिक नाजुक है।
यह विश्व कप टूर्नामेंट में भारतीय टीम का अब तक का सफर और 2011, 2015 और 2019 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप में कुछ आकर्षक समानताएँ हैं। लीग मैचों में, भारत ने उत्कृष्ट क्रिकेट दिखाया और महान खेल करते हुए नॉकआउट स्टेज में अपनी नजरें जमाईं।
2011 में वर्ल्ड कप फाइनल खेलते समय, टीम इंडिया ने एक अद्वितीय प्रदर्शन दिखाया और उन्होंने खिताब अपने नाम किया। लेकिन 2015 और 2019 के वर्ल्ड कप में, उन्होंने नॉकआउट स्टेज के पहले मैच में हार का सामना करते हुए सेमी-फाइनल को छोड़ दिया।
इस वक्त भारतीय टीम की उच्चतम प्राथमिकता यह है कि वे अपने प्रदर्शन को सुधारें और अपनी जीत की प्रेरणा से आगाही बढ़ाएं। वे खुद को साबित करने के लिए उत्साहित हैं और इस बड़े मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाड़ियों के लिए एक गहरे चुनौती साबित करने के लिए तैयार हैं।
इस समय के लिए, टीम इंडिया को अपने दृढ आत्मविश्वास के साथ खेलने और सबसे अच्छे रूप में प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। जब वे मैदान पर उतरेंगे, तो दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को एक रोमांचकारी और उत्साही प्रस्तुति की उम्मीद रहेगी।
प्रशिक्षण कक्ष
पिछले कई महीनों से भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में एक अद्वितीय बदलाव नजर आ रहा है। सितंबर महीने में, श्रीलंका में आयोजित एशिया कप के दौरान, भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में एक साहसी कदम उठाया गया था जिसने क्रिकेट दुनिया को चौंका दिया। इस कदम का मक़सद था खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन की विस्तारित समीक्षा और अच्छे या बुरे फ़ील्डिंग पर फ़ीडबैक देना, उनके लिए स्पीच देना, और उन्हें मेडल से सम्मानित करना।
इस साहसी पहल का प्रमुख साझा करने वाले हैं भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच, राहुल द्रविड़, जिन्होंने इस मामूली प्रक्रिया को महत्वपूर्ण बना दिया है। राहुल द्रविड़, जिन्होंने खुद भी एक महान क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में भारत का गौरव बढ़ाया, ने इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए हैदराबाद में जन्मे और बैंगलुरु में पैदा हुआ विशेषज्ञ कोच, दिलीप वेंगसर्कर को चुना है।
दिलीप वेंगसर्कर, भारतीय क्रिकेट टीम के फ़ील्डिंग कोच के रूप में उपयुक्त हैं और वे खिलाड़ियों के प्रदर्शन को मॉनिटर करते हैं, ड्रेसिंग रूम में उनके साथ बैठते हैं और उनके प्रदर्शन पर विशेष टिप्पणी और सराहना करते हैं।
यह एक नया और महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है, जो भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन को सुधारने के लिए क्रितिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह प्रक्रिया भारतीय खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें उनके प्रदर्शन की स्पष्ट और गहरी समीक्षा करने का अवसर देता है, जिससे उन्हें अपनी कमजोरियों पर काम करने का मौका मिलता है।
दिलीप वेंगसर्कर का काम इस प्रक्रिया के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में होता है। वे मैच के बाद खिलाड़ियों की फ़ील्डिंग को निगरानी करते हैं और उन्हें उनके प्रदर्शन की तारीफ़ और सफलता के लिए सराहना करते हैं।
नॉकआउट स्टेज
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर और बीबीसी टीएमएस ब्रॉडकास्ट टीम के सदस्य जॉनाथन एगन्यू के मुताबिक़, “ड्रेसिंग रूम में जो होता है वो मैदान में खिलाड़ियों के चहरों पर दिखता है.”उन्होंने कहा, “क्लाइव लॉएड और विव रिचर्ड्ज़ वाली वेस्टइंडीज़ की वर्ल्ड चैम्पियन टीम को याद करिए. उनके ड्रेसिंग रूम में सब भाई की तरह मिल-जुल कर मज़े करते थे और टेस्ट क्रिकेट हो या वनडे, मैदान में उनके खिलाड़ियों की गहरी एकजुटता से विपक्षी टीमें प्रेशर में रहती थीं.””निश्चित तौर पर भारतीय खिलाड़ियों में एकजुटता दिखती है तभी तो टीम वीडियो में बुमराह, मोहम्मद शमी के गले में हाथ डाल कर मस्ती करते नज़र आते हैं और विराट के मैच जिताने पर रोहित शर्मा दौड़ कर उन्हें गले लगा लेते हैं.”इन दिनों भारतीय टीम जैसे ही कहीं मैच खेलने पहुँचती हैं, उनके ड्रेसिंग रूम में A4 साइज़ के पन्नों पर “यू आर द बेस्ट” और “क्रिकेट इज़ माइ फ़र्स्ट लव” जैसे कोट्स दीवारों पर चिपके दिखते हैं.
पूर्व कोच रवि शास्त्री से 2021 में कमान लेने के बाद राहुल द्रविड़ ने कहा था, “खिलाड़ियों की मेंटल और फ़िज़िकल हेल्थ सबसे अहम है. प्रोफेशनल फ़ुटबॉल की ही तरह प्लेयर्स के वर्कलोड को सही तरीक़े से मैनेज किया जाना चाहिए”.
हाल ही में धर्मशाला में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मैच जीतने के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने तय किया कि टीम एक दिन वहां और रुकेगी और खिलाड़ी रिलैक्स करेंगे. राहुल द्रविड़, बैटिंग कोच विक्रम राठौर और फ़ील्डिंग कोच दिलीप एक लंबे ट्रैक पर निकल गए.
खिलाड़ियों को किसी तरह की चोट वग़ैरह से बचाए रखने के लिए उन्हें ट्रैक पर तो नहीं बल्कि पहाड़ी नदी में नहाने और रिलैक्स करने की पूरी इजाज़त थी जिसे उन्होंने पूरा भी किया.
विराट कोहली एक अनाथालय में बतौर गेस्ट पहुँचे और बच्चों के साथ अच्छा समय बिताया. जानकारों को लगता है कि नॉकआउट स्टेज जीतने के लिए इसी तरह की मानसिक स्थिति की ज़रूरत रहेगी.
रविवार का मैच
टूर्नामेंट शुरू होने के समय भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले इस मैच को लोग फ़ाइनल के स्तर का मैच बता रहे थे. लेकिन जैसे-जैसे टूर्नामेंट बढ़ा, दोनों टीमों के रास्ते अलग होते चले गए.
भारत ने अब तक तो अपने पाँचों मैच जीत लिए है लेकिन इंग्लैंड अपने पांच में से सिर्फ़ एक मैच जीत सकी है, बांग्लादेश को हराकर. उसे अफ़ग़ानिस्तान और श्रीलंका ने भी धूल चटाई.
इंग्लैंड के कोच मैथ्यू मॉट पिछली हार के बाद कह चुके हैं, “हमारे लिए वर्ल्ड कप क्वालिफ़ाई करना नामुमकिन सा लगता है लेकिन हम अपने आत्मसम्मान के लिए खेलने उतरेंगे.”
इंग्लैंड को ये दर्द सता रहा होगा कि उनके लगभग सभी बड़े प्लेयर्स- सैम करन, जोस बटलर या बेन स्टोक्स टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ने में नाकामयाब साबित हुए हैं.
मैच से पहले टीम के असिस्टेंट कोच मार्कस ट्रेसकोथिक ने भी माना, “हालात निराशाजनक तो हैं ही. हम सभी इससे आहत भी हैं लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं? हम हर मैच के लिए पहले की ही तरह तैयारी करते हैं, ड्रिल्ज़ करते हैं.”
भारतीय क्रिकेट टीम के प्रबंधन को यह अच्छी तरह से जागरूक है कि जैसे-जैसे टूर्नामेंट की गति बढ़ती जा रही है, दबाव और उम्मीदें भी बढ़ रहे हैं। टीम, धरमशाला से लखनऊ यात्रा करने के बाद, इसके सदस्यों में से आधे से अधिक ने अपनी कठिन मेहनत की और अपने कोच राहुल द्रविड़ की नजरों में स्टेडियम में प्रैक्टिस सत्रों में भाग लिया। इस प्रैक्टिस को शनिवार शाम तक जारी रखा गया।
प्रमुख कोच द्रविड़, अपनी सजीव योजनाओं और विस्तार से ध्यान देने के लिए प्रसिद्ध हैं, ने सुनिश्चित किया कि टीम पिच को समझने के लिए दो दिनों के दौरान बहुत समय देती है। उन्होंने कोचिंग और समर्थन करने वाले कर्मचारियों के साथ व्यापक चर्चा में शामिल होने के लिए भी लंबे समय तक समय दिया।
लखनऊ की पिच पर पिछले साल ही भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक वनडे मैच में संघर्ष किया था। भारत ने प्रोटीज के खिलाफ 249 रन का लक्ष्य तय किया था, लेकिन इसे बचाने में असफल रहे। एक समय पर, दक्षिण अफ्रीकी टीम केवल 118 रन के स्कोर पर 5 विकेट हासिल कर रही थी।
पिछले मैच में, हार्दिक पंड्या के चोट के कारण, सूर्यकुमार यादव को चमकने का मौका मिला और मोहम्मद शमी शार्दुल ठाकुर की जगह आए। शमी ने पांच विकेट लेने के साथ एक शानदार प्रदर्शन दिया और खेल को प्रभावित किया।
रविवार के मैच के लिए, अगर पिच पर ड्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा स्पिन का रुख दिखाते हैं, तो शायद इस मैच में आर अश्विन को खिलाने का मौका मिल सकता है।
भारतीय क्रिकेट टीम अच्छी तरह से जानती है कि एक तेज़ी से बढ़ते टूर्नामेंट के चुनौतियों को कैसे सामना किया जाता है। वे सिर्फ़ मैच जीतने के लिए ही नहीं बल्कि फैंस और निरंकुश सवालों के दबाव को भी नियंत्रित करने के लिए काम कर रहे हैं। कोच द्रविड़ की भागीदारी, पिच की स्थिति पर ध्यान और सावधानी से योजना बनाने की इस ध्यानदार दृष्टिकोण का प्रतीक्षा करते हैं कि भारतीय टीम टूर्नामेंट में सफलता पाने के लिए कैसे कदम बढ़ा रही है।