Terrorists in Jammu and Kashmir, Jammu and Kashmir में सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में एक बड़ी चिंता जाहिर की है। उनके अनुसार, कलेक्टर रोड्स आतंकियों के लिए सबसे कमजोर कड़ियों में से एक बनती जा रही हैं। इसके अलावा, आतंकियों द्वारा सुरंगों का इस्तेमाल भी सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। चलिए, इस मसले की पूरी जानकारी लेते हैं और जानते हैं कि इस पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
कलेक्टर रोड्स: कमजोर कड़ी क्यों?
कलेक्टर रोड्स, जो कि ग्रामीण और शहरी इलाकों को जोड़ती हैं, आतंकियों के लिए आसान टारगेट बनती जा रही हैं। इसका मुख्य कारण यह है –
- पहला कारण = इन सड़कों पर सुरक्षा की निगरानी कम होती है।
- दूसरा कारण = यहां न तो डेलि चेकप्वाइंट होते हैं और न ही पुलिस की गश्त।
यही वजह है कि आतंकी इन रास्तों का इस्तेमाल आसानी से कर पाते हैं।
सुरंगों का यूज़ : एक नया खतरा
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आतंकियों ने अब सुरंगों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इन सुरंगों का इस्तेमाल करके वे सेफ़्टी चेकप्वाइंट्स और गश्त को बाइपास कर रहे हैं। इससे न केवल उनका मूवमेंट आसान हो जाता है, बल्कि वे बड़ी घटनाओं को अंजाम देने में भी कामयाब हो रहे हैं।
हाल के दिनों में Jammu and Kashmir में हुए आतंकी हमलों के पैटर्न का विश्लेषण करने पर सुरक्षा एजेंसियों को कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। इन हमलों में इस्तेमाल किए गए रास्ते और सुरंगों की पहचान करना सेक्युर्टी फोर्स के लिए चेलेंजिंग साबित हो रहा है। टेरेरिस्ट उन इलाकों का चुनाव कर रहे हैं जहां सेफ़्टी अरेंजमेंट कमजोर है और वे आसानी से छुप सकते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के कदम
सुरक्षा एजेंसियों ने इस नई चुनौती से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें से कुछ मैन कदम हैं:
- इंटेलिजेंस नेटवर्क मजबूत करना: सुरंगों और कमजोर सड़कों की पहचान के लिए इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मजबूत किया जा रहा है।
- निगरानी बढ़ाना: कलेक्टर रोड्स पर निगरानी बढ़ाने के लिए ड्रोन और अन्य मॉडर्न डेवाइस का यूस किया जा रहा है।
- लोकल लोगों की भागीदारी: लोकल लोगों को भी इस बारे में अवेयर किया जा रहा है ताकि वे सस्पिशियस एक्टिविटी की खबर तुरंत दे सकें।
Terrorists in Jammu and Kashmir मामले मे गोवेरमेंट की फीडबेक
सरकार ने भी इस मसले को सीरियसली ले लिया है। हाल ही में, Jammu and Kashmir के गवर्नर ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक हाइ लेवल की बैठक की है। इस बैठक में आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखने और सुरंगों की पहचान करने के लिए कई इंपोर्टेंट डिसीजन लिए गए हैं।
लोकल लोगों का डर
इस नई चुनौती से निपटने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के कदमों के बावजूद, लोकल लोगों के बीच डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। कलेक्टर रोड्स पर बढ़ती आतंकी गतिविधियों ने लोगों के डेलि जीवन को इफैक्ट किया है।
फ्युचर की स्ट्राट्ज़ी
टेरेरिस्ट के सुरंगों के यूस और कलेक्टर रोड्स पर हमलों को रोकने के लिए फ्युचर की स्ट्राट्ज़ी पर भी काम हो रहा है। इसमें मॉडर्न टेक्नोलोजी का यूस , लोकल लोगों की भागीदारी, और सेक्युर्टी फोर्स की अलर्टनेस शामिल है।
Jammu and Kashmir में कलेक्टर रोड्स और सुरंगों का इस्तेमाल आतंकियों के लिए एक बड़ा हथियार बनता जा रहा है। इसे रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को मिलकर काम करना होगा। स्थानीय लोगों की जागरूकता और भागीदारी भी इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। समय रहते अगर इन मुद्दों पर गंभीरता से काम किया जाए, तो आतंकियों की योजनाओं को विफल करना संभव हो सकेगा।
इस नए खतरे से निपटने के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना होगा ताकि Jammu and Kashmir में शांति और सुरक्षा बनाए रखी जा सके।