मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल: और गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड के बीच हुई बैठक में जिलों के छोटे-बड़े धार्मिक स्थलों के विकास से ग्रामीणों में हर्ष का अनुमोदन किया गया है
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Chief Minister Shri Bhupendra Pate
Chief Minister Shri Bhupendra Pate ने हाल ही में गुजरात के ग्रामीण स्तर के छोटे देवस्थानों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने 37.80 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी दी है, जो गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड (जीपवीवीबी) को अलग-अलग देवस्थानों के विकास के लिए प्राप्त हुआ था। इस निवेश के माध्यम से गुजरात के विभिन्न तीर्थस्थानों के विकास को प्राथमिकता दी गई है, जैसे कि वडोदरा, मेहसाणा, अहमदाबाद, पाटण, राजकोट, और अरवल्ली जिलों के देवस्थानों का विकास।
इस निवेश से गुजरात के ग्रामीण समुदायों को बड़ा लाभ होगा, क्योंकि धार्मिक स्थलों के विकास के माध्यम से स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के इस कदम से गुजरात के ग्रामीण भागों में धार्मिक परंपराओं का सुरक्षित रूप से विकास होगा और यह भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति भरपूर समर्पण का प्रतीक होगा।
इस सैद्धांतिक निवेश के माध्यम से, गुजरात की सरकार ने धर्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के प्रति अपने समर्पितता का प्रमाण दिया है और समुदायों के विकास के प्रति अपनी प्राथमिकता को पुनर्निर्धारित किया है। इससे गुजरात के ग्रामीण भागों में आर्थिक सुधार और सांस्कृतिक समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल: और गांधीनगर
में जीपीवाईवीबी के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने बोर्ड की ग्रामीण स्तर के देवस्थानों के विकास से संबंधित प्रस्तावों को स्वीकृति दी।मुख्यमंत्री ने जिन देवस्थानों के सर्वांगीण विकास के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है, उनमें वडोदरा जिले के 4 तीर्थस्थानों के विकास के लिए 7.45 करोड़ रुपए के कार्यों को मंजूरी दी गई है। वडोदरा जिले के इन 4 तीर्थस्थानों में शिनोर तहसील के बरकाल गांव में स्थित व्यासेश्वर महादेव, डभोई स्थित गढभवानी माताजी मंदिर, रायपुर स्थित भाथीजी मंदिर और पादरा तहसील के डबका गांव में स्थित महीसागर माता मंदिर का समावेश होता है।
इसी तरह, मेहसाणा जिले के 6 तीर्थस्थानों के विकास के लिए 15.66 करोड़ रुपए के कार्यों को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इन तीर्थस्थानों में ऊंझा तहसील के उपेरा गांव में स्थित ठाकोरजी मंदिर, ऊंझा के उनावा गांव में स्थित नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, हनुमान मंदिर तथा शनिदेव मंदिर, कड़ी में स्थित दशामां मंदिर और विसनगर तहसील के वालम गांव में स्थित कृष्ण मंदिर का समावेश होता है।बैठक में अहमदाबाद जिले की धोळका तहसील के मोटी बोरु गांव में स्थित भेटडिया भाण मंदिर के विकास कार्यों के लिए 4.09 करोड़ रुपए सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।पाटण जिले की समी तहसील के वुराणा गांव में स्थित खोडियार माता मंदिर तथा तालाब सुंदरीकरण के कार्यों के लिए 4.48 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।
राजकोट जिले में जेतपुर तहसील के कागवड़ गांव में स्थित खोडलधाम मंदिर के विकास कार्यों के लिए 1.64 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।अरवल्ली जिले की मोडासा तहसील के मेढासण गांव में स्थित रिद्धि-सिद्धि गणपति मंदिर के विकास कार्यों के लिए 1.30 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।मेहसाणा जिले के चंद्रासण गांव में स्थित राज्य सरकार के स्वामित्व वाले चंद्रेश्वर महादेव मंदिर के विकास कार्यों के लिए 47.57 लाख रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी और पाटण जिले के भुतियावासणा में स्थित भुतेश्वर महादेव मंदिर के विकास कार्यों के लिए 2.70 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। रावल ने बताया कि ग्रामीण स्तर के विशाल समुदायों की आस्था के केंद्र समान देवस्थानों के विकास के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने से धर्मप्रेमी जनता आनंद और उल्लास के साथ कृतज्ञता व्यक्त कर रही है। बड़े यात्राधामों के साथ-साथ छोटे-छोटे देवस्थानों के विकास की सरकार की नीति की विशेषकर ग्रामीण समाज में प्रशंसा की जा रही है।